महाराष्ट्र में बाढ़ से तबाह कई इलाको में CM ने नदियों के पास अतिक्रमण (Encroachment) के खिलाफ कार्रवाई करने का संकेत दिए।
महाराष्ट्र के CM ने कहा कि पुनर्वास (rehabilitation) की योजना और अतिक्रमण (Encroachment) के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राजनीतिक दलों में आम सहमति बनाई जाएगी। बाढ़ से तबाह पश्चिमी महाराष्ट्र और कोंकण में नुकसान का जायजा (check) लेने के बाद, CM उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास (rehabilitation) करने की घोषणा की और अवैध निर्माण (illegal construction) को हटाने के लिए कड़े (hard) कदम उठाने का भी संकेत दिया।
उद्धव ठाकरे ने कोल्हापुर के उन हिस्सों का दौरा किया जो एक सप्ताह (Week) से अधिक समय से बाढ़ में हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह (Week) रायगढ़ में बाढ़ प्रभावित महाड़ और रत्नागिरी के चिपलून का दौरा किया था।
सांगली और कोल्हापुर में नदियों में बाढ़ के मैदानों में अतिक्रमण (Encroachment) और उन्हें हटाने के लिए विशेषज्ञ समितियों (expert committees) की सिफारिशों (recommendations) के बारे में बात करते हुए CM ने कहा कि इन संरचनाओं (structures) को हटाने के लिए सख्त निर्णय (tough decision) लेने का समय आ गया है। जिला कलेक्टरों (collectors) को निर्देश (Instruction) दिया गया है कि वे इन्हें तुरंत हटा दें और यह सुनिश्चित (Assured) करें कि नदी के किनारे नीली और लाल रेखाओं पर नई संरचनाएं (structures) न आएं।
इस बीच ऊर्जा मंत्री (energy minister) नितिन राउत ने सांगली में घोषणा की कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों से तब तक बिजली के बिल वसूल किए नहीं जाएंगे जब तक स्थिति (Situation) सामान्य नहीं हो जाती, तब तक इन क्षेत्रों के उपभोक्ताओं (consumers) को बिल नहीं दिए जाएंगे या लंबित बिलों (pending bills) का भुगतान करने के लिए कहा जाएगा।