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लाड पुलिस के अधिकारी ने कहा कि एक महिला ने धोखाधड़ी होने के तुरंत बाद पुलिस से संपर्क किया, फिर पुलिस ने 37 वर्षीय महिला का  1.61 लाख रुपये की वसूली (Recovery) में मदद की, जिससे वे लेनदेन को उलटने (reversing) में सक्षम (capable) हो गए।

जिसे उसने एक साइबर जालसाज (cyber fraud) से खो दिया था, जिसने अपने ग्राहक को  (KYC) details update करने के बहाने उसके बैंक विवरण (bank statement) चुराकर राशि स्थानांतरित (amount transferred) कर दी थी।

उसने पुलिस को बताया कि उसे एक संदेश मिला है, जो कथित तौर (Allegedly) पर उसके मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता (provider) द्वारा भेजा गया है। संदेश में कहा गया है कि उसने अपना KYC विवरण अपडेट नहीं किया है,और उसका मोबाइल कनेक्शन काट दिया जाएगा। मैसेज में एक नंबर था। जिसे महिला ने डायल किया।

जालसाज (fraudster) ने फिर उससे एक एप्लिकेशन डाउनलोड किया, जिससे उसे उसकी फोन गतिविधियों (phone activities) तक पहुंचने में प्राप्त हुई। फिर उसने उसे 10 रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब वह लेन-देन कर रही थी, तो उसे उसके बैंक विवरण (bank statement) तक पहुंच मिली, बाद में उसने इन विवरणों (details) का इस्तेमाल कर के 1.61 लाख रुपये खुद (Myself) को हस्तांतरित (transferred) करने के लिए किया।  

मलाड पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक (assistant police inspector) विवेक तांबे ने कहा कि हम पूरी राशि वसूल कर सकते हैं क्योंकि उसने कुछ घंटों के भीतर हमसे संपर्क किया, ऐसे मामलों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने बैंक स्टेटमेंट को पुलिस थाने ले जाएं ताकि पुलिस को बैंक खाते या ई-वॉलेट (e-wallet) विवरण का पता चले, जहां पैसा ट्रांसफर किया गया है, जिससे हमारे लिए पैसे को वापस लेने से आसान हो जाता है।

पुलिस ने कहा कि साइबर जालसाज (cyber fraud) अक्सर पीड़ितों (victims) को मोबाइल फोन का रिमोट एक्सेस (remote access) या रिमोट कंट्रोल (remote controlled) पाने के लिए टीमव्यूअर (teamviewer) या क्विक सपोर्ट एप्लिकेशन (Quick Support Application) डाउनलोड करवाते हैं, जिसके बाद वे आपके बैंकिंग विवरण (banking details) चुरा लेते हैं और इसका इस्तेमाल आपके बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं।


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