जो लोग जयंती के लिए एक साथ आते हैं, वे संविधान, लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर जेतवन धम्म संस्कार केंद्र तेलवाडी पैठण में पूज्य भंते शाक्यपुत्र राहुल धम्म देशना कह रहे थे। अगर बाबा साहेब अंबेडकर खत्म हो गए तो जाति और धर्म के भेदभाव के बिना पूरा बहुजन खत्म हो जाएगा। इस बात से बेखबर मत रहिए कि डॉ. बाबा साहेब को कोई खत्म नहीं कर सकता। इतिहास समझ लीजिए कि गौतम बुद्ध भी इस देश से खत्म हो गए थे। एक हजार साल बाद डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर बुद्ध को इस देश में वापस लाये। इसे दुरुस्त करने का काम हम पर छोड़ दिया गया है। लेकिन आज हम इसे सफल बनाने में पीछे रह जा रहे हैं। यह एक त्रासदी है। इसलिए जिस जिद के साथ हम सब मिलकर जयंती की तैयारी कर रहे हैं। उसी तरह संविधान को बचाने की तैयारी करें। लोकतंत्र यानि प्रशासन में जाने के लिए सत्ता हासिल करने की तैयारी करो, तभी न्याय और अधिकार मिलेगा। पूज्य भंते शाक्यपुत्र राहुल ने कहा कि डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर का सपना तभी पूरा होगा जब संविधान और लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा।
विहार में आने से लोगों में स्नेह, सहानुभूति और समानता की भावना पैदा होती है, इसे सच्ची धर्मपरायणता के साथ-साथ पूजा अनुष्ठान और जप कहा जाता है। पूज्य भंते धम्मसर ने कहा कि प्रार्थना करना एक अनुष्ठान है। इसी तरह, संस्कार केंद्र के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण बल्लाल ने चुनौती दी कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और तथागत बुद्ध की आगामी संयुक्त जयंती यानी बोधिसत्व से बुद्धत्व जन्मोत्सव के अवसर पर। एक दिवसीय श्रामणेर शिविर का आयोजन किया गया है और अपने परिवार और रिश्तेदारों के बच्चों को इस शिविर में भाग लेकर उन्हें संस्कारवान, स्वतंत्र, निडर, सदाचारी, अनुकरणीय, व्यक्तित्ववान बनाना चाहिए।अरुण बल्लाल ने सार्वजनिक चुनौती दी।