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मामला कुछ इस प्रकार हैं इंदौर स्थित व्यापारी हरीम इक़बाल ने दिन 14/02/2013 को सांघी ब्रदर्स इंदौर प्राइवेट लिमिटेड से लैंड रोवर डिस्कवरी खरीदी और उन्हें बताया गया था कि कार पर वारंटी 5 साल/1 लाख किलोमीटर की होगी।

08/02/2017 में कार का इंजन नागपुर के पास सीज़ (seized) हो गया और हरीम इक़बाल ने अपने खुद के खर्च पर कार को इंदौर वर्कशॉप में भिजवाया, लैंड रोवर हेड ऑफिस से उन्हें ट्रांसपोर्टेशन का किराया भी प्रदान नहीं किया गया। 

08/09/2017 को कार रिपेयर हो कर तैयार हो गई और इसके बाद उन्हें 10.93 लाख पेमेंट (Payment) भरने के लिए कहा गया, जो की वे लोग उसी काम के बिल बढ़ा रहे थे और जो आखिरी बिल आया वह 38 लाख रुपये का था।

फिर फरवरी 2018 में कार के मालिक को एक मेल आया जिसमें कहा गया कि कार की वारंटी 29/02/2012 को ख़त्म हो गई है और फिर मार्च 2018 में एक और मेल आया जिसमें कहा गया कि कार की वारंटी 29/02/2015 को खत्म हो हो गई है। इस मेल से यह क्लियर होता हैं कि सांघी ब्रदर्स ने उन्हें एक नए कार की कीमत में डिफेक्टिव और पुरानी इस्तेमाल कि गई कार दी हैं। कार डीलर ने 2017 से कार को उनकी कस्टडी में रखा हैं और आज तक वे लोगों ने कार के असली मालिक को कार भी नहीं दिखाई हैं।

वही कार के मालिक ने  लैंड रोवर कंपनी और डीलर सांघी ब्रदर्स इंदौर प्राइवेट लिमिटेड के रोहित सूरी, राजीव गुप्ता ज्योत्सना सांघी, दीपक ताहोरानी और अंकुर ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पुलिस के साथ संघर्ष करने के बाद 2021 में भोपाल की अदालत में एक प्राइवेट कंप्लेंट दर्ज की है, फिर 24/08/2022 भोपाल अदालत ने मामले में ध्यान लिया और लैंड रोवर के खिलाफ मामला दर्ज किया, और डीलर सांघी ब्रदर्स इंदौर प्राइवेट पर धारा 420,406,468,120B, 34 के तहत सम्मन जारी किया गया है जिसे डिफ़ेन्डेन्स ने लेने से भी इनकार कर दिया है।

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